बारिश उस दिन कुछ ज़्यादा ही खास लग रही थी... जैसे बादल भी उनकी मोहब्बत के गवाह बनना चाहते हों।आरव ने आद्या की ओर देखा — वो हल्की-सी भीग रही थी, उसके बाल उसके गालों से चिपक रहे थे और आँखों में वो वही शर्मीली मासूमियत थी जिसने उसे पहली बार देखने पर आरव का दिल चुरा लिया था।"तुम्हें सर्दी लग जाएगी..." आरव ने उसकी ओर छाता बढ़ाया।आद्या मुस्कुराई, "पहली बारिश है... और तुम साथ हो, अब सर्दी भी खास लगने लगी है।"आरव चुप रहा, उसकी आँखें आद्या के चेहरे पर टिक गईं। उसके लफ्ज़ जैसे दिल की गहराइयों से