भाग 1: रहस्यमयी नक्शाअर्जुन एक 19 साल का लड़का था जिसे बचपन से ही एडवेंचर का शौक था। किताबों, फिल्मों और कहानियों में उसने अक्सर ऐसे खजानों के बारे में सुना था जो किसी रहस्यमयी द्वीप पर छिपे होते हैं। एक दिन उसे अपने दादा की पुरानी अलमारी में एक फटी हुई डायरी मिली। उसके अंदर एक नक्शा था — एक ऐसे द्वीप का जो आज की किसी भी मैप पर नहीं था।नक्शे के नीचे सिर्फ एक लाइन लिखी थी:"जो डर गया, वो कभी सच्चा खजाना नहीं पाएगा।"भाग 2: सफर की शुरुआतअर्जुन ने बिना देर किए अपने दो दोस्तों –