---️ एपिसोड 3: “दिल की बात...”> “कुछ बातें कहने की नहीं होतीं...बस लिखी जाती हैं, किसी के लिए — जो कभी पढ़े... या फिर कभी नहीं।”---स्थान: पुणे — सुबह की हल्की ठंडी धूपकॉन्फ्रेंस हॉल की खिड़कियों से हल्की रोशनी छन रही थी।बाहर चाय की दुकान पर भाप उड़ती कटिंग चाय, और अंदर हॉल में कॉफी की मशीनें गरम गरम बातों में लगी थीं।लेकिन एक कोना... आज भी चुप था।रेहाना आज नहीं आई थी।---आरव बार-बार इधर-उधर देख रहा था।वो स्टेज पर बैठा था — सामने दर्जनों चेहरे, लेकिन उसकी निगाहें किसी एक को खोज रही थीं।रेहाना...उसने धीमे से डायरी निकाली —