वो बचपन वाली दुल्हन

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शुरुआत:उपन्यास का नाम:वह दूल्हा जो कभी दुल्हन से कह न सका---️ अध्याय 1: जब बचपन ने नाम लिया — रानीगाँव की मिट्टी में भी एक खास किस्म की मासूमियत होती है…कुछ उस जैसी थी — रवि की।और उस मिट्टी में खिली एक धूप थी — रानी।वो दिन था, जब पहली बार रानी ने उस गली में कदम रखा था।पीठ पर लाल बस्ता, बालों में दो चोटियाँ, और होठों पर खामोश मुस्कान।रवि उस वक़्त पाँच साल का था — और जैसे ही उसने रानी को देखा…कुछ उसके भीतर हल्का सा काँपा।रवि (धीरे-धीरे खुद से):"ये कौन है...? इतनी प्यारी लड़की…"तभी रानी