Hyderabad का सबसे महँगा और जगमगाता कल्याण मंडपम, बिजली की रोशनी में इंद्र भवन जैसा चमक रहा था।हर तरफ मेहमान एक-दूसरे से हँसते हुए बात कर रहे थे।कई लोग कैटरिंग वालों से चाय-कॉफी ले रहे थे।बाहर की चकाचौंध के बीच, एक काली गाड़ी मंडप के सामने आकर रुकी।गाड़ी का दरवाज़ा खुला, और अशोक जल्दी से भीड़ को चीरता हुआ मंडप के अंदर चला गया।---अंदर, अर्जुन को उसकी पिन्नी (चाची) कौशल्या देवी शादी का तिलक लगा रही थीं।"कदले रा..." (चलो बेटा) — कह ही रही थीं कि...तभी कमरे का दरवाज़ा खुला।अर्जुन के बाबा आनंद राव और छोटा भाई अशोक तेजी से