एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 14

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प्रकृति ने दवाई उठाई और ज़मीन पर दे मारी। ट्यूब टूटकर एक कोने में जा गिरी।रिधान की आँखें खुली की खुली रह गईं।प्रकृति (आँखों में आग लिए):"मैं जानती हूँ कि आपको हीरो बनने का कोई शौक नहीं है… और ना ही आप मेरे लिए वहाँ आए थे।लेकिन जो बात आप नहीं जानते, वो ये है — कि आप एक घटिया इंसान हैं!"रिधान कुछ बोलने ही वाला था —"तुम—"प्रकृति (तेज़ और ज़हर से भरे लहजे में):"तुम नहीं, आप। और सुनिए — जो दवा थी ना, उसके लिए कोई फ़ॉरेन से इंपोर्ट नहीं करवाया था मैंने…सिर्फ़ 40 रुपये की ट्यूब थी!तो इसे