एपिसोड 3 – "टकराव और ठहराव" अनदेखा प्यार---प्रारंभिक दृश्य – यादों की हलचलबारिश अब थम चुकी थी, लेकिन फैजल के दिल में जो हलचल उठी थी, वो रुकने का नाम नहीं ले रही थी।नाज़ से हुई वो पहली हल्की-सी मुलाक़ात, किताबों के बहाने, चाय की खुशबू में घुलती बातें — सब कुछ जैसे किसी फिल्म का सीन था, मगर ये फिल्म रियल थी… और हीरो खुद को नहीं समझ पा रहा था।उसने अपनी डायरी में कुछ लिखा:> "ना मैं तुझे जानता हूँ, ना ही तेरा नाम ठीक से याद है...फिर भी हर बारिश की बूँद में बस तू ही