दिल ने जिसे चाहा - 16

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(कुछ दिन बाद ....)समय बीत रहा था...पर इन बीते दिनों में कुछ बदला था।अब रुशाली और मयूर सर एक-दूसरे को थोड़ा-थोड़ा समझने लगे थे। बातों से ज़्यादा अब नज़रों की खामोशी कहानियाँ सुनाने लगी थी। वो अब जानने लगे थे कि कौन किस चाय का स्वाद पसंद करता है, किसे मीठा ज़्यादा अच्छा लगता है, किसे खामोश शामें पसंद हैं और किसे बारिश में भीगना।दूरियाँ धीरे-धीरे घट रही थीं...पर इस क़रीब आने का मतलब क्या था?क्या ये सिर्फ़ रुशाली की तरफ़ से था?या मयूर सर भी अब कुछ महसूस करने लगे थे? एक नई सुबह... और एक प्यारा सा एहसाससुबह-सुबह