विषैला इश्क - 7

  • 267
  • 75

(निशा नागलोक की रहस्यमयी कैद में है, जहाँ एक अदृश्य शक्ति उसे सीमाओं से बाहर नहीं जाने देती। सपनों, डर और अजनबी भविष्यवाणियों से घिरी, वह बार-बार "रक्षिका" कहे जाने का विरोध करती है। नागसेविकाएँ उसे सम्मान देती हैं, पर निशा आत्मगौरव से भ्रमित है। एक दिन, वह सीखती है कि नागलोक की सीमाएँ बल से नहीं, भावना से पार होती हैं। जब वह ग़ुस्से और प्रतिरोध को त्यागती है, दरवाज़ा अपने आप खुल जाता है। अब वह केवल कैदी नहीं, बल्कि नागलोक की शक्ति और रहस्य से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कड़ी बन चुकी है — अनजाने युद्ध की पूर्वसूचना।)नाग