महाशक्ति – एपिसोड 49"शांति के बाद की सुबह और अमर वादा"--- प्रारंभ – एक नई सुबह, जहाँ कोई डर नहींपृथ्वी पर बहुत समय बाद एक ऐसा सवेरा हुआजब सूर्य की किरणेंकिसी डर को छूकर वापस नहीं लौटीं।ना कोई छाया,ना कोई युद्ध की पदचाप…केवल शांति —सुनहरी, शांत और भीतर तक उतरती हुई।चारों पात्र अलग-अलग स्थानों पर जागे,लेकिन उनके दिल में एक जैसी सिहरन थी।---️ अर्जुन – सेवा की शुरुआतअर्जुन अब कोई राजा नहीं था।वह अपने गाँव के सबसे बुज़ुर्ग व्यक्ति के साथखेत जोत रहा था।“राजा बनने से आसान है युद्ध लड़ना,”बुजुर्ग बोले।अर्जुन हँसा,“अब मैं योद्धा नहीं…बस एक बीज बोने वाला