महाशक्ति - 46

  • 183
  • 63

महाशक्ति – एपिसोड 46"भीतर की छाया और जीवन की कसौटी"---️ प्रस्तावना – जब बाहरी युद्ध समाप्त होता है, तो भीतर की छाया जागती है…मानवकुल का द्वार खुल चुका था।यह कोई महल, कोई शिविर या कोई संग्रामभूमि नहीं था।यह था —जीवन के बीचों-बीच बसा एक सादा, शांत गाँव…जहाँ लोग ना युद्ध जानते थे, ना तपस्या —सिर्फ जीना जानते थे।गुरुजी ने कहा:> "अब तुम्हें स्वयं को उन लोगों के बीच देखना होगा —जो बिना ज्ञान, बिना शक्ति,फिर भी सबसे संपूर्ण होते हैं।"--- मानवकुल – साधारण लोग, असाधारण दृष्टिगाँव के लोग मुस्करा रहे थे।उनकी आँखों में भय नहीं,बल्कि एक सीधा अपनापन था।एक