महाशक्ति – एपिसोड 44"यक्षकुल की पुकार और आत्मा का सत्य"--- प्रस्तावना – वंश की आवाज़, आत्मा की पुकाररात्रि गहरी थी,लेकिन आकाश में तारे असामान्य रूप से चमक रहे थे।गुरुजी ने कहा:> "अब तुम प्रवेश करने जा रहे हो यक्षकुल में…एक ऐसा कुल जो ज्ञान, संगीत, और अदृश्यता का प्रतीक है।पर यही कुल… अब भ्रम और छल से संक्रमित हो चुका है।"शल्या काँप रही थी।उसकी आँखों में पहली बार डर नहीं,बल्कि गिल्ट था।"क्या वे मुझे अपनाएँगे?"उसने ओजस से पूछा।"तू खुद को स्वीकार कर ले,बाक़ी दुनिया खुद-ब-खुद झुक जाएगी।"--- यक्षकुल का प्रवेश – दृश्य अदृश्य की चौखटएक रहस्यमयी द्वार खुला —जिस