महाशक्ति - 43

महाशक्ति – एपिसोड 43"छाया का प्रकट होना और अतीत का अंधकार"--- प्रस्तावना – अब अंधकार स्वयं बोलेगा…भ्रमलोक की चेतना पार करने के बादअर्जुन, अनाया, ओजस और शल्यापहली बार एकजुट, एक ही दिशा में आगे बढ़े।पर इस बार उनके सामने कोई द्वार नहीं था…कोई कुंजी नहीं… कोई संकेत नहीं…बस एक काली आंधी चली —और उसके भीतर से एक काँपता स्वर उभरा:> "अब मैं प्रतीक्षा नहीं करूँगी…""अब मैं स्वयं आऊँगी…"ये थी — छाया।पहली बार… स्वयं प्रकट रूप में।---️ छाया का अवतरण – रौद्र और मोहक दोनोंअचानक आकाश लाल हो गया।धरती काँपने लगी।वातावरण में बिजली की चमक और शवों की दुर्गंध एक