महाशक्ति - 42

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महाशक्ति – एपिसोड 42"भ्रमलोक की छाया और मृत स्मृतियाँ"---️ प्रस्तावना – प्रवेश उस लोक में, जहाँ सत्य स्वयं को भूल जाता है…छाया की पिछली तीनों चालें असफल हो चुकी थीं:मोहंध की मोहजालशल्या का प्रेम-शूलऔर भ्रमलोक का खतराअब वह सबसे खतरनाक अस्त्र लेकर आई —"मृत स्मृतियाँ" —ऐसी छवियाँ, जो जीवित होते हुए भी मृत प्रतीत होती हैं।उसने कहा:> "इन तीनों ने अपने रिश्तों की गहराई पर भरोसा किया…अब मैं उन्हें उनकी पहचान से ही काट दूँगी।अब वे एक-दूसरे को देखेंगे —लेकिन पहचान नहीं पाएँगे।"--- भ्रमलोक – चेतना का धुंधला द्वारअर्जुन, अनाया, ओजस और अब शल्याएक साथ भ्रमलोक के द्वार पर