जब पहाड़ रो पड़े - 1

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लेखक - धीरेंद्र सिंह बिष्ट अध्याय 1: पहाड़ की पहली दरार(जहां से पलायन शुरू हुआ)देवभूमि उत्तराखंड — जहां हवा में भी गूंजते थे मंदिरों के घंटे, जहां नदियों के किनारे किस्से बहते थे, और जहां हर गांव की सुबह घण्टियों, पक्षियों और बच्चों की चहक से होती थी। पर आज, उसी उत्तराखंड में हजारों गांव ऐसे हैं जहां अब सिर्फ सन्नाटा बचा है।पलायन की शुरुआत किसी एक घटना से नहीं हुई। ये एक धीमी मौत थी — अवसरों की कमी, विकास से दूरी, और युवाओं के सपनों की तलाश ने इसे जन्म दिया।आंकड़ों की सच्चाई:उत्तराखंड सरकार द्वारा गठित पलायन आयोग की