महाशक्ति - 34

महाशक्ति – एपिसोड 34"शांति का दीप और भविष्य की दस्तक"---️ प्रारंभ – युद्ध के बाद की पहली सुबहगाँव में वर्षों बाद ऐसी सुबह आई थी जिसमें न डर था, न भ्रम।सूरज की किरणें अब केवल रोशनी नहीं, बल्कि आशा लेकर आई थीं।गाँव का हर कोना जैसे शांत तपोभूमि बन चुका था।बच्चे मंदिर के आँगन में खेल रहे थे, महिलाएँ तुलसी को जल दे रही थीं, और पुरुष अपने खेतों की ओर लौट चुके थे।वहीं, महल की छत पर खड़ी थी अनाया —सफ़ेद वस्त्र, खुले बाल, और आँखों में शांति की आभा।अर्जुन ने पीछे से आकर धीरे से कहा —"इतिहास