दिल्ली के पटेल नगर की लाइब्रेरी में शुरू हुई ये कहानी है दानिश और आरज़ू की — जहां UPSC की तैयारी के साथ-साथ एक खामोश रिश्ता भी पक रहा था, चाय की हर चुस्की के साथ। कभी पेन मांगने का बहाना, तो कभी टपरी पर बैठी हल्की-सी मुस्कान — दोस्ती कब मोहब्बत बनने लगी, पता ही नहीं चला। लेकिन जब सपना अफसर बनने का हो, तो क्या दिल की बातें पीछे छूट जाती हैं? क्या मोहब्बत और मंज़िल साथ चल सकते हैं? ऐसे ही अनेकों प्रश्नों के उत्तर तलाशने के लिए पढ़िए "इम्तेहान-ए-इश्क़ या यूपीएससी" प्रेम कहानी,जो एक कोचिंग स्टूडेंट की दिल के पन्नों से निकली है।