महाशक्ति - 32

  • 336
  • 102

महाशक्ति – एपिसोड 32"तांडव की आहट और प्रेम की शपथ"---कहानी अब उस मोड़ पर पहुँच चुकी है जहाँ प्रेम सिर्फ भावना नहीं, बल्कि एक लड़ाई बन चुका है — सत्य और भ्रम के बीच, विश्वास और धोखे के बीच।---️ प्रारंभ – वज्रकेश की अग्निशपथकिले के गुप्त कक्ष में वज्रकेश ध्यान की मुद्रा में बैठा था। उसके चारों ओर तांत्रिक चिन्हों से भरा एक अग्निकुंड जल रहा था। उसकी आँखें बंद थीं, लेकिन भीतर एक भयानक तूफान उठ रहा था।"प्रेम… ये प्रेम ही है जो बार-बार मेरी योजनाओं को तोड़ देता है।""अब न अर्जुन बचेगा, न अनाया का विश्वास। अब