17 देह का यथार्थ कुछ महीने बाद, मंजीत और राघवी की एक अनपेक्षित मुलाकात फिर हो गई। इस बार यह एक सामुदायिक आयोजन था, जहाँ आश्रम और मंजीत के स्कूल ने मिलकर एक पर्यावरण संरक्षण कार्यशाला आयोजित की थी। मंजीत बच्चों को पौधरोपण सिखा रहा था, और राघवी अपने शिष्यों के साथ वहाँ उपस्थित थी। दोनों की नजरें एक-दूसरे से टकराईं, और एक पल के लिए समय जैसे थम-सा गया। मंजीत ने सिर झुकाकर अभिवादन किया, और राघवी ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया। आयोजन के बाद, जब सब लोग चले गए, मंजीत ने राघवी से बात करने की