16 मन का भटकाव दिन बीतते गए... राघवी के शब्द उसके मन में गूँजते रहे। वह समझ चुका था कि मेरा अतीत, मेरी गलतियों का बोझ है, लेकिन उस बोझ को उतारने का रास्ता भी है...। उसने अपने जीवन को नई दिशा देने का फैसला कर लिया। अपने स्कूल के बच्चों के लिए एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया उसने, जिसमें उन्हें अहिंसा, करुणा, और नैतिकता की कहानियाँ सुनाता...। जैन धर्म की शिक्षाओं को सरल भाषा में बच्चों तक पहुँचाने लगा, बिना यह जताए कि वह किसी धर्म का प्रचार कर रहा है। एक दिन, उसने रावी के किनारे एक छोटा