10 फैसला इतनी रात को वह कोई टेक्सी नहीं लेना चाहती थी, मगर लेना पड़ी क्योंकि जगह दूर थी। घर पहुँच उसने घण्टी बजाई और दिल धड़धड़ा उठा कि कहीं नताशा से एकाएक सामना न हो जाय! मगर दरवाजा मंजीत ने खोला और वह उसके पीछे अंदर चली आई। फिर डरते-डरते नताशा के कमरे तक भी। पर कमरे के अंदर आकर भी उसने पाया कि नताशा वहाँ नहीं थी। दीवार पर मंजीत के सँग खिंची उसकी फोटो जरूर लगी थी, जिसे वह पहले भी कई बार देख चुकी थी और कइएक दुष्कल्पनाओं में उससे खरीखोटी भी सुन चुकी थी। राहत