09 तूफान का आगमन मंजीत के शब्द हॉल में गूँजते रहे: ‘नताशा का मैसेज है। वो अगले हफ्ते वापस आ रही है।’ उसकी आवाज में एक कंपन था, जैसे वो खुद इस खबर से हिल गया हो। रागिनी की साँसें थम सी गईं। उसने मंजीत की ओर देखा, लेकिन उसकी आँखों में जवाब की जगह सिर्फ असमंजस था। माँ ने तुरंत मौके का फायदा उठाया और कहा, ‘देखा, मैंने कहा था न! अब क्या करोगी, रागिनी? इस आदमी के पीछे अपनी जिंदगी बर्बाद करोगी?’ रागिनी का गला सूख गया। उसने कुछ कहना चाहा, लेकिन शब्द बाहर नहीं आए। पिताजी ने