06 दुविधा जब रागिनी के मम्मी-पापा, बहन शिखर जी से लौट कर आए तो घर में एक अजीब-सी खामोशी छा गई। रागिनी और मंजीत उस वक्त हॉल में बैठे चाय की चुस्कियाँ ले रहे थे, और बाहर टैक्सी के रुकने की आवाज ने उनकी बातचीत को बीच में ही रोक दिया था। रागिनी का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने मंजीत की ओर देखा, जिसके चेहरे पर हल्की-सी बेचैनी थी, पर वह शांत बना रहा। रागिनी ने उठकर दरवाजा खोला, और रागिनी की माँ, पिताजी और बहन रमा अंदर आ गए। उनके चेहरों पर थकान साफ झलक रही थी, लेकिन