हस्तर

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"अगर आप सोचते हैं कि लालच सिर्फ एक बुरी आदत है... तो आप कभी तुंबाड नहीं गए... वहाँ लालच एक ज़िंदा दैत्य है – हस्तर – जो अब भी अपनी माँ की कोख में भूखा पड़ा है…"साल 1918, ब्रिटिश राज का दौर... महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग ज़िला, वहाँ एक कोहरा-घिरी जगह है – तुंबाड।कहते हैं तुंबाड में वर्षा कभी रुकती नहीं, जैसे आकाश खुद उस ज़मीन पर रोता है… और हर बूँद अपने साथ किसी अदृश्य पाप को धोने की कोशिश करती है।उस वीराने में एक टूटा हुआ हवेली जैसा किला, जो बाहर से सिर्फ़ खंडहर लगता था... पर अंदर से