"कभी सोचा है… अगर किसी के गले से सिर अलग कर दिया जाए, तो क्या उसका गुस्सा भी मर जाता है? या फिर वो इंतज़ार करता है... सिर वापस जुड़ने का... और तब तक, वो अपने श्राप से सबकुछ तबाह कर देता है..."बीजापुर से कुछ मील दूर, घने जंगलों के बीच एक पुराना, टूटा-फूटा मंदिर था। उसे लोग "काल मंदिर" कहते थे। गांव वाले उस ओर झांकते तक नहीं थे। कहा जाता था वहाँ रात के अंधेरे में कोई चीखता है... किसी का सिर खोजता है।एक रात बारिश के साथ बिजली कड़की और गांव की बुज़ुर्ग औरत दादी सुगना ने