तुम्हारी आंखों का शहर

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भाग 1: अनजाने रास्तों की मुलाकातवो जुलाई की बारिश थी। कोहरा हल्का-सा था, लेकिन हवा में एक अजीब-सी गर्माहट भी थी।अविरल, एक शांत-सा लड़का, जो किताबों और खामोशी से प्यार करता था, पहली बार किसी नए शहर में आया था – देहरादून।उसकी जिंदगी में सब कुछ व्यवस्थित था – टाइम टेबल की तरह। लेकिन उस दिन उसकी ट्रेन लेट हो गई थी। बारिश से बचने के लिए वो स्टेशन के पुराने शेड के नीचे खड़ा हुआ था। तभी एक आवाज़ आई—"Excuse me, क्या आपके पास टिशू है?"वो मुड़ा और देखा — एक लड़की, नीली डेनिम जैकेट, भीगे बाल और आंखों