गर्मी की एक उमस भरी रात थी। रमेश और उसकी पत्नी अनीता, अपनी बेटी सारा के साथ, एक पुरानी हवेली की ओर बढ़ रहे थे, जो उनके गाँव से कुछ मील दूर जंगल के बीचों-बीच बनी थी। यह हवेली उनके परिवार की पुरानी संपत्ति थी, जिसे उनके दादाजी ने बनवाया था। रमेश के पिता ने हमेशा उस हवेली के बारे में चुप्पी साध रखी थी, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद, रमेश को उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। "पापा, ये जगह इतनी सुनसान क्यों है?" सारा ने कार की पिछली सीट से पूछा, उसकी आवाज में हल्का डर झलक