Chapter 9: जिस रात रूह ने शेखर के अंदर से देखा"जब कोई इंसान अपनी आत्मा से जूझता है, तो वो खुद को नहीं देखता… लेकिन जब आत्मा खुद इंसान के भीतर से देखे, तो डर सिर्फ नहीं होता… वो उस इंसान को अंदर से खा जाती है।"--- Scene: रात 4:44 AM – कमरे की दीवारें कांप रही थीं, खामोश थे बर्तनशेखर के शरीर के अंदर कुछ तड़प रहा था। वो पलकों को मूंदे, गहरी सांसें ले रहा था, लेकिन शरीर में रुकावट महसूस कर रहा था। जैसे कोई अंदर से उसकी हड्डियों तक खिसक रहा हो।और फिर अचानक, उसने