यशस्विनी - 8

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" यार गोपी, अभी कौन पटाखे चलाता है। अभी तो शाम ही हुई है। जब रात होगी ना, तो पटाखे चलाने में मजा आएगा।"" मेरे पास बहुत बड़ा दनाका बम है।" गोपी ने कहा।" मेरी मां भी राकेट लेकर आ रही है। देखना ऊपर बहुत दूर तक जाएगा वह रॉकेट।सीधे चंदा मामा को छूकर आएगा।" यह उत्तर सुनकर गोपी खिलखिला कर हंस पड़ा और दोनों मित्र दूसरी बातें करने लगे थे।  गणेश को भूख भी लग रही थी। मां अभी तक नहीं पहुंची थी। वह मां के निर्देश के अनुसार घर में ही था और अब मां की प्रतीक्षा करते