"विनय... विनय! (धीरे-धीरे आवाज़ तेज़ हो गया।)" माही विनय के पास आ पहुँची। "सॉरी माही मैं अभी तक उसे नहीं ढूँढ पाया।" लगातार दूसरी रात जागने से विनय की आँखें लाल हो गई थीं। पर विनय को उसकी कोई परवाह नहीं थी, उसकी आँखें तो सिर्फ़ जिद को ढूँढ रही थीं। जो माही को साफ़ दिखाई दे रहा था। इसलिए माही ने उसके हाथ में रखा एक पेपर उठाया और विनय को दिखाया। "क्या है इसमें?" विनय बोला। "आज की न्यूज़ ने मुझे और मेरे पूरे परिवार को हिला दिया है।" माही की आँखों में आँसू थे। "क्यों, क्या हुआ?" माही के हाथ से