एक तरफ सूर्यांश को गुप्तचर ने चंद्रमंदिर का रहस्य बताया, दूसरी तरफ मदनपाल को उसके पिता ग्रह रिपु ने उसके पौराणिक ख़ज़ाने की बात बताई। राजा से निकलते ही झंगीमल मदनपाल को सामने मिला। शरण में आए झंगीमल का चेहरा बदला हुआ था, फिर भी उसे देखकर राजकुमार समझ नहीं सके कि इस सबके पीछे कहीं न कहीं झंगीमल ही है। "राजकुमार जी प्रणाम।" सामने आया झंगीमल बोला। मदनपाल वैसे तो अपने दुश्मनों को दूर ही रखता, लेकिन अपने पिता की आज्ञा के कारण उसने झंगीमल को जीवित छोड़ा। जो आज उसे प्रणाम कर रहा था। मदनपाल खुश हुआ और मन ही