सुबहॐ सूर्याय नम: । ॐ सूर्याय नम: ।।दो हाथों के बीच एक सोने की कलश पकड़े एक सुंदर स्त्री सरोवर के किनारे सूर्य पूजा कर रही है। उसके सिर पर लगे मोगरे के फूल, उसकी जटाओं की सुंदरता को चार चाँद लगा रहे हैं। उसके दूधिया रंग की जीर्ण साड़ी को देखकर ऐसा लग रहा था मानो उसने विशाल आकाश ओढ़ लिया हो। रोज़ ऐसा लगता था जैसे सूर्य जागते ही सबसे पहले उसी को एकटक निहारता हो। उसके आसपास सूर्य की रोशनी की गर्मी नहीं, बल्कि शीतलता का अनुभव हो रहा था। उसके साथ एक दासी भी थी, जो रोज़