मीरा को जानवर कभी पसंद नहीं थे। सच कहो तो, उसे उनसे नफरत ही थी।बचपन में एक बार वो पूरे एक घंटे तक चिल्लाती रही थी क्योंकि एक पप्पी ने उसके पैर को चाट लिया था। स्कूल में भी उसने बायोलॉजी की क्लासेस से दूरी बना ली थी क्योंकि मरे हुए मेंढक और दूसरे जानवरों से उसे घिन आती थी।अब भी, बीस साल की उम्र में, अपने भीड़भाड़ वाले कॉलेज हॉस्टल में रहते हुए, मीरा का यही मानना था कि जानवर सिर्फ टीवी या किताबों में ही अच्छे लगते हैं। कुत्ते बेवजह भौंकते रहते हैं, बिल्लियां ऐसे घूरती हैं जैसे