एक नई दिशासमीरा ने ठंडी साँस ली और अपने नोट्स पर ध्यान लगाने की कोशिश की। तभी, उसे अपने पीछे से किसी की जानी-पहचानी आवाज़ सुनाई दी।"अरे समीरा, यहाँ बैठी हो? क्या कर रही हो?"समीरा ने सिर उठाया। सामने मिस शाह खड़ी थीं—उनकी पसंदीदा प्रोफेसर।"जी, मैं पढ़ाई कर रही थी।" समीरा ने किताब बंद करते हुए कहा।मिस शाह मुस्कुराईं और समीरा के पास वाली कुर्सी पर बैठ गईं।"अच्छा? लेकिन तुम्हारी आँखें कुछ और कह रही हैं। क्या सब ठीक है?"समीरा थोड़ी असहज हो गई। क्या वह सच में इतनी साफ़ नज़र आ रही थी?"हाँ, मैम। सब ठीक है। बस थोड़ा