तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 39

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वह अपने हाथों को आपस में मसलने लगी। एक अजीब-सी घबराहट उसके भीतर पनप रही थी।मगर उस घबराहट के पीछे एक हल्की-सी खुशी भी थी। एक एहसास, जिसे वह नकारना चाहती थी, मगर जो उसके दिल की धड़कनों में धीरे-धीरे अपना घर बना रहा था।(कुछ घंटे बाद)समीरा खामोश बैठी थी, अब भी अपने मन की उलझनों में उलझी हुई। मगर तभी, दरवाजे पर दस्तक हुई।"कौन हो सकता है इस वक्त?"उसने धीरे से उठकर दरवाजा खोला, और जैसे ही दरवाजा खुला, उसकी साँसें अटक गईं।सामने दानिश खड़ा था।हल्की बारिश में उसका चेहरा थोड़ा गीला था, बाल थोड़े बिखरे हुए थे। उसकी