अग्निप्रिया

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दिल्ली के पुराने इलाके में एक भुतहा हवेली खड़ी थी, जिसके बारे में कहा जाता था कि वहाँ एक जिन्न का वास है। अरमान नाम का एक युवा पुरातत्वविद् इस हवेली की खोज में आया था। उसे पुराने अवशेषों और रहस्यमय कहानियों से गहरा लगाव था। रात के अंधेरे में जब अरमान ने हवेली में कदम रखा, तो एक अजीब सी ठंडक उसकी रीढ़ से होकर गुजरी। दीवारों पर लगे पुराने चित्र मानो उसे देख रहे थे। हवा में एक मीठी सुगंध तैर रही थी - गुलाब और केसर की। "कौन है वहाँ?" अरमान ने कांपती आवाज में पूछा। अचानक