"मैं उन्हें जानता हूं... और ये भी जानता हूं कि वो अब कहां रहते हैं।"ये सुनकर तृषा की आंखों में चमक दौड़ गई - उसने रवि से पूछा क्या तुम मुझे वहां ले चलोगे।'हां' रवि ने कहा चल सकते हैं... तृषा ने रवि से कहा "तो फिर? हम कब चलें?" रवि ने कहा, "जगह शहर से बहुत दूर है। हम कल सुबह निकलेंगे।" तृषा थोड़ी मायूस हुई, "आज नहीं जा सकते?" "रात में वहां जाना ठीक नहीं होगा। भरोसा रखो, कल सुबह चलेंगे।" तृषा ने हामी भर दी। दिन का बाकी वक्त उसने पढ़ाई में बिताया, पर दिल तो उसी एक पल