काल कोठरी -------(7) जिंदगी कभी कभी सब किसी को हैरत मे डाल देती है। सुन कर हैरान हो जाओगे.... इतना कि सोचने पर मजबूर....नग्न अवस्था मे स्टेचर पे लेटी वो जिन्दा थी।उसका चेहरा आम था, वाल भी आम ही थे... जो सुना था कया वो गलत था.. हाथ भी एक दम आम थे। जो इंसानों के होते है। दीपक जयादा सिरस सी शरीर मे आपने महसूस कर रहा था। पुलिस आज फिर साथ थी। बयान लेते वक़्त सब के होश उड़ गए थे। आवाज बेहद तेज और किस की थी। कोई जान नहीं पा रहा था। हैरत मे थे सब।" मैं कौन हूँ.... जानना