उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से कुछ किलोमीटर भीतर जंगलों से घिरा एक उजड़ा हुआ गाँव था — पिपरा कटरा। नाम सुनने में मासूम, पर इतिहास में दर्ज एक ऐसा स्थान, जहाँ इंसान होने का मतलब भूल जाना पड़ता था। कहते हैं, वहाँ एक कोठा था — “पिंजरे वाला कोठा”, जो अब भी वैसा ही खड़ा है जैसे आखिरी बार छोड़ा गया था, मगर अब उसमें कोई जाता नहीं… या यूँ कहिए, कोई लौटकर नहीं आता। दिल्ली के एक खोजी पत्रकार विवेक माथुर को जब उस कोठे की पहली तस्वीर और चिट्ठी मिली, तब उसने इसे अफवाह समझा। लेकिन उसके