2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 3

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Chapter 3: कॉफी कप में चेहरा> “उसने कॉफी मंगवाई थी, लेकिन कप में झाग नहीं… कोई चेहरा तैर रहा था। और वो चेहरा... मेरा था।” Scene: अगली दोपहर – कॉलेज कैंटीनशेखर गुमसुम बैठा था।रात की बातें दिमाग से हट नहीं रही थीं।फोन अब भी चुप था, लेकिन उसका दिल… तूफ़ान से भी ज़्यादा शोर कर रहा था।"एक कप स्ट्रॉन्ग कॉफी!"उसने वेटर को कहा।देवा पास बैठा हँस रहा था –"भाई, तू रो रहा है या कॉफी के लिए इबादत कर रहा है?""तेरी भाभी ने रात को रूह तक हिला दी थी…""भाभी कौन? पुरानी वाली या परछाई वाली?"शेखर ने कुछ नहीं