2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात - 1

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“2 दिन चांदनी, 100 दिन काली रात”Chapter 1: रात जो गुदगुदाती थी"कभी हँसी डराती है, कभी डर भी हँसा देता है। लेकिन जब प्यार दोनों बन जाए, तो रातें गुदगुदाने लगती हैं..." Scene: Jaipur, रात 11:47 PM"तू फिर से आ गई?"शेखर ने मोबाइल को घूरते हुए बुदबुदाया।उसके फोन पर फिर वही मैसेज चमक रहा था —Chandni ️: "Main aaj fir aa rahi hoon, Shekhar "वो स्क्रीन से आंखें हटाना चाहता था, लेकिन... वो मुस्कान, जो चांदनी अपनी प्रोफाइल फोटो में दे रही थी, आज भी वैसी ही थी। शरारती, मीठी, और थोड़ी सी खौफनाक।और सबसे अजीब बात?वो 6 महीने पहले