समीक्षा : उपन्यास जिगरी by पी अशोक कुमार जिगरी एक मदारी इमाम और उसके पालतू भालू सादुल की कहानी है , ये कहानी आज के समय में इंसान के दोहरे चरित्र को दर्शाता है , कैसे एक जानवर को आप अपनी सहूलियत और खुद के स्वार्थ के लिए पालते है और जब वो बूढ़ा हो जाता हैं और आपके काम का नहीं रहता तब आप उससे कैसे पीछा छुड़ाना चाहते है या ये कहे के नए किसी लालच के लिए अपने पाले हुए जीव को उसके हालातों पर छोड़ देना ! कहानी बहुत मार्मिक है एक बेजुबान जानवर की जिसे आप अपने