द्वादशम अध्यायसिंधु नदी की रक्त गंगाभूरे रंग की चादर ओढ़े व्यापारी जैसा दिखने वाला मनुष्य, मेवों से भरे झोले लेकर देबल की तंग गलियों में घूम रहा था। लोग बड़ी रुचि लेकर उससे मेवों की खरीददारी कर रहे थे। तभी चार अश्वारोही शस्त्र ताने उसके निकट आये और उस व्यापारी की गर्दन पर तलवार तानते हुए कहा, “तुम अरब देश से आये हो न?”“जी, जी हुजूर, मुझसे कोई गुस्ताखी हो गयी क्या?” उस व्यापारी ने घबराते हुए कहा।उस अश्वारोही योद्धा ने उसे ऊपर से नीचे तक घूरा, “तुम अरब व्यापारी पिछले दो माह से व्यापार तो बहुत कर रहे हो,