काल कोठरी -------(5) हैरत मे मत पड़ो, दुनिया मे कुछ भी नमुंकिन है। कया सोच रहे हो, यही दुनिया खत्म, नहीं किसने कहा ---: उल्लू का पठा होगा वो " सोच समझ कर बोलने वाले अक्सर भूल जाते है, " कहा से कया शुरू करना है। " जिंदगी प्रोग्रामिग एक स्टेज है....हम कया करने आये है, घर बाहर की फ़िक्र करने के लिए।मकसद कया है ----- " आपनी गृहस्ती कैसे चलाओगे ?पैसा, मकसद, फिर रुतबा.... फिर खाक। सफर 60 साल का ऐसे ही एक उम्र निकल गयी।सोचो ---- कुछ छूट रहा है ? ये रेडिओ पर दीपक " प्रोग्राम लाजबाब दुनिया "सुन