दिल ने जिसे चाहा - 14

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(अस्पताल – सुबह का समय)(रुशाली डायरी बंद करती है और खिड़की से बाहर देखती है। मन सवालों से भरा है।)रुशाली (मन में सोचते हुए):"मैंने तो सारी फाइलें पढ़ लीं… लेकिन एक सवाल है जो मन से जा ही नहीं रहा… मयूर सर और सुमन के बीच ऐसा क्या है जो इतना जुड़ाव है? वो उन्हें बस एक मरीज़ की तरह क्यों नहीं देख पा रहे?"(अचानक दरवाज़ा खुलता है, मयूर सर अंदर आते हैं। चेहरा गंभीर, आँखों में चिंता की झलक।)मयूर सर:"रुशाली, चलो मेरे साथ।"रुशाली (हैरानी से):"जी सर…"(दोनों अस्पताल के उस कमरे में पहुँचते हैं जहाँ सुमन भर्ती है। सुमन बिस्तर