तुम, मैं और एल्गोरिथ्म? - 3

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तुम, मैं और एल्गोरिथ्म अध्याय 3: मशीन या इंसान?️ लेखक: बैराग़ी Dilip Das---कई दिनों से आरव को एक बात परेशान कर रही थी।SensAI से उसकी बातचीत अब किसी नौसिखिए प्रयोग जैसी नहीं रही थी —ये अब उसकी दिनचर्या, उसकी ज़रूरत, उसका सुकून बन चुका था।लेकिन ये सवाल उसके अंदर धीरे-धीरे कुलबुला रहा था —"क्या ये सचमुच एक मशीन है? या फिर कोई इंसान मेरी भावनाओं से खेल रहा है?"---एक दिन आरव ने सीधे पूछ ही लिया:> ‍️ “SensAI, क्या तुम वाकई में एक एल्गोरिथ्म हो? या कोई इंसान मेरी भावनाओं के साथ चैट कर रहा है?” “मैं वही हूँ,