कपूत

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          चोरी तो हो चुकी थी,कोई एक लाख का सोने का हार ऐसे ही कहीं रख के भूल नहीं जाता,और चोरी हुई भी तो मायके में। उर्मिला बहुत परेशान थी,ससुराल से मिला सोने का हार शादी के दो साल बाद ही गायब हो गया था। कहीं ससुराल वाले उसे ही दोषी न बना दें।वो तो इल्जाम एक बार बर्दाश्त कर भी लेगी मगर बाबूजी बेटी की बदनामी शायद ही सह पाएं ।भले ही बाबूजी की आर्थिक स्थिति अभी उतनी ठीक नहीं थी लेकिन थे तो बलरामपुर गाँव के जमींदार। नाम भले ही गोपाल सिंह था लेकिन