गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 20

  • 213

और सभी परिवार की तरह रहते थे।इसी मकान से मैने छोटे भाई की शादी की थी।स श्याम वकील होने के साथ उसका स्कूल भी था।मदन मोहन।स्कूल मौके की जगह था।श्याम की पत्नी से मेरी पत्नी की अच्छी दोस्ती थी।श्याम के चार बच्चे थे।तीन लड़की और एक लड़का।श्याम के बाद कई लोग स्कूल के क्षेत्र में आये।जिन्होंने उससे गुर लिय वे श्याम से आगे निकल गए लेकिन उसके स्कूल की  स्थिति धीरे धीरे गिरती ही गयी।इसकी वजह थी।औरते।औरत का शोषण होता है।विशेष रूप से निजी क्षेत्र मे।स्कूल वाले क्या देते हैं।फिर एक नया खेल।जो टीचर समझौता कर लेती है।संचालक का बिस्तर