उपन्यास औघड़ by नीलोत्पल मृणालभारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी सच्चाई का बखान किया गया है। आज के इस आधुनिक दौर में हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़ेपन को उजागर करता है , उपन्यास जिसको पढ़ कर कही ना कही आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे के क्या ऐसे परिवेश में जीवन कितना जटिल होता होगा ! उपन्यास का अंत आपकी सोच के बिल्कुल विपरीत और आश्चर्यजनक हैं....! कुल मिलाकर बहुत अच्छा और उम्दा लेखन है , सभी पात्रों का विस्तृत वर्णन और उनके अनुरूप उनका