ज़हन की गिरफ़्त - भाग 10

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भाग 10: आईने में दूसरी शक्ल(जहाँ ज़हन के आईने में… सना फिर लौटती है — लेकिन अब वो कोई याद नहीं रही) अब आरव को पता चल चुका था — सना कोई मरीज़ नहीं थी। वो उसकी गाइड थी, उसकी डॉक्टर… और शायद उसकी पहली और आख़िरी मोहब्बत। पर सच्चाई जानने के बाद, जो डर आरव के भीतर गहराने लगा था, वो अब सिर्फ़ खोई हुई यादों का नहीं था। अब सवाल ये था: “क्या सच में मेरी यादें ही मिटाई गई थीं… या मेरी चेतना का कोई हिस्सा भी चुराया गया था?” कमरे में वही पुराना आईना था —